World No Tobacco Day
जेसीडी डेन्टल कॉलेज द्वारा मनाया गया विश्व तम्बाकू निषेध दिवस।
तम्बाकू को कहे ना, पौष्टिक आहार को कहे हां – डाॅ. ढींडसा
सिरसा 01 जून 2023: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी डेंटल कॉलेज द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया गया । इस अवसर पर ‘हमें आहार की जरूरत है तंबाकू की नहीं’ विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता , विस्तार व्याख्यान, लघु नाटिका का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में डेन्टल कॉलेज एवं अन्य कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा हिस्सा लिया। इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरिन्दम सरकार के अलावा अन्य विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे। सर्वप्रथम प्राचार्य ने मुख्य अतिथि का हरा पौधा देकर स्वागत किया।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डाॅ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि विश्वभर में तंबाकू के कारण 80 लाख से अधिक मौतें प्रतिवर्ष होती है, जिनमें 12 लाख ऐसी मौतें है जो धुम्रपान करने वाले लोगों के संगत में बैठने से होती है। तंबाकू सभी रूपों में चाहे वह बीड़ी, सिगरेट, हुक्का या जर्दा हानिकारक है। कुछ लोग इसका सेवन मानसिक परेशानी या अवसाद को दूर करने के लिए, खुशी के लिए या समाज में दिखावे के लिए करते हैं जोकि गलत है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में तंबाकू सेवन करने वालों में से लगभग 80 प्रतिशत ऐसे देशों में रहते हैं जिनकी गणना मिडल क्लास एवं गरीब देशों में होती है। तंबाकू पर होने वाले व्यय के कारण साधारण घरों में गरीबी बढ़ती है तथा दूसरी आवश्यकताएं जैसे- भोजन, मकान पर भी इसका कुप्रभाव पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार विश्व में 20वीं सदी में 100 मिलीयन असमय मौतें हुई और यदि आगे भी यही चलन रहा तो 21वीं सदी में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
धुम्रपान छोड़ने के लाभों के बारे में बताते हुए डाॅ. ढींडसा ने कहा कि यह वैज्ञानिक तौर पर स्पष्ट हो चुका है कि धुम्रपान छोड़ने के पहले 8 घंटे में ही शरीर में आॅक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है। इसके 24 घंटे में हाॅर्ट अटैक होने की संभावना कम हो जाती है तथा 72 घंटों में फेफड़ों की कार्य प्रणाली काफी हद तक सुधर जाती है। उन्होंने बताया कि 1 से 9 माह में खांसी ओर सांस फूलने की बीमारी काफी कम हो जाती है और धीरे-धीरे लुप्त प्रायः हो जाती है। धुम्रपान निषेध के 12 महीने के बाद दिल की बीमारियों की संभावना आधी रह जाती है। 5 वर्ष के बाद हृदयाघात का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है जबकि 15 वर्ष के बाद हृदय की बीमारियांे का खतरा सामान्य व्यक्ति, जोकि बिल्कुल भी धुम्रपान नहीं करता है उसके समान हो जाता है। डाॅ. ढींडसा ने कहा कि आज हमें धुम्रपान की नहीं बल्कि पौष्टिक आहार की आवश्यकता है ताकि हम एक स्वस्थ परिवार, समाज एवं समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
इस अवसर पर तृतीय वर्ष के छात्रों ने तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। इंटर्न की छात्रा रियामा और छात्र सुधांशु द्वारा एक विस्तार वाख्यान एवं स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर निर्णायक मण्डल द्वारा विद्यार्थियों को पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेता घोषित किया गया, जिसमें बीडीएस प्रथम वर्ष की छात्रा अनन्या विश्वास ने प्रथम स्थान, बीडीएस प्रथम वर्ष के छात्र अभिनव बजाज ने दूसरा स्थान, बीडीएस प्रथम वर्ष की छात्रा दीक्षा ने तृतीय स्थान हासिल किया। मुख्य अतिथि द्वारा विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।